Month: January 2022

By Srashti Jyoti Agrawal

ख़्वाब

कुछ टूट फ़ूटे ख़्वाबों का कारवां किधर गया चलती ख़िज़ां भी साथ थी एक बाग़बां जिधर गया करता था जो ख़ुद के सजाए ख़्वाबों की रहनुमाई वो ख़्वाब अब ये…